तालबेहट। सरकार भले ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावे करें लेकिन स्वास्थ्य कर्मी इन दावों की कलई खोलने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सोमवार देर शाम विजयपूरा गांव से परिजनों के साथ अस्पताल में प्रसव को आई प्रसूता रात भर अस्पताल परिसर में बैठने को मजबूर रही। आरोप है कि तैनात नर्स ने कोरोना वायरस का हवाला देकर उसे भर्ती करने से इंकार कर दिया। मंगलवार सुबह मामले के तूल पकड़ते ही उसको भर्ती कर लिया गया।विजयपूरा निवासी शिखा (22) पत्नी विमलेश वंशकार अपने परिजनों के साथ दिल्ली में मजदूरी करती थी। करीब दो सप्ताह पूर्व वह होली पर वह परिजनों के साथ गांव आईं। उनको प्रसव वेदना शुरू होने लगी। सोमवार देर शाम वह अपनी सास और पति के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती होने आईं। आरोप है कि यहां तैनात नर्स ने उनको यह कह कर भगा दिया कि दिल्ली से आई हो तो कोरोना वायरस की जांच के बाद ही भर्ती किया जाएगा। प्रसव पीड़िता को भर्ती नहीं किया गया। जिस कारण वह पूरी रात परिजनों के साथ अस्पताल के बाहर पड़ी रही। सुबह मीडिया कर्मियों के केंद्र पहुंचने पर प्रसव पीड़िता की सास ने नर्स पर गंभीर अरोप लगाए। मामला तूल पकड़ते ही गर्भवती महिला को भर्ती कर लिया गया। इस मामले में केन्द्र अधीक्षक डा. नरेन्द्र कुमार का कहना है कि जैसे ही इस प्रकरण की जानकारी हुई प्रसव पीड़िता को मैटरीनटी विंग में भर्ती कर लिया गया। प्रसव पीड़िता के आरोपों की जांच करके कार्रवाई की जाएगी।
कोरोना के भय से प्रसूता को नहीं किया भर्ती